सूरज कि तरह कब तक चमके

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आज बात करते है एक ऐसे कहानी कि जो हमें सूरज कि तरह अकेले चमकने कि सीख देता है ये कहानी है सात साल छोटे बच्चे कि जो एक दिन अपने गुल्लक से सारे पैसे लेकर दबाई कि दूकान पे जा खडा होता है जहा कई लोग लाइन में खड़े दबाई खरीद रहे होते है और बच्चा अपने बारी का इंतज़ार करने लगता है और जब उसकी बारी आती है तो दबा दूकानदार को अपना सारा पैसा देते हुए कहता है मुझे एक चमत्कारी दबाई चाहिये, मेरी दीदी बहुत बीमार है और मेरे पापा कहते है कि सिर्फ चमत्कार ही मेरी दीदी को बचा सकता है. यह सुनकर दुकानदार कहता है  नहीं बेटा ऐसी कोई दबाई चमत्कार नाम कि यहाँ नहीं मिलती है बच्चा अंदर से टूटने लगता है पर एक बार फिर हिम्मत करके बोलता है मेरे पास और भी पैसे है आप कहे तो मै घर से ला के आपको दूंगा लेकिन आप मुझे वो चमत्कारी दबाई दे दीजिये बरना मेरी दीदी मुझे छोड़ कर चली जाएगी मुझे बताइए पुरे कितने पैसे लगेगे. दुकानदार निरुतर था बच्चे के सामने लेकिन उस बच्चे कि बात को एक व्यक्ति बड़ी ध्यान से सुन रहा था, उस व्यक्ति ने बच्चे से पुछा तुम्हारी बहन को क्या हुआ है और तुम्हे कैसी चमत्कारी दबाई चाहिए मुझे बताओ. बच्चा उदास मन से बोलता है मुझे सिर्फ इतना पता है कि मेरी दीदी बहुत बीमार है, उसके सर में बहुत दर्द होता है और डॉक्टर कहते है कि इसके लिए ऑपरेशन करना पड़ेगा, लेकिन मेरे पापा के पास पैसे नहीं है इसलिये पापा कहते है इसे कोई चमत्कार ही बचा सकता है, मै अपनी दीदी को बचाने के लिए अपने सारे पैसे लेकर आया हूँ. बच्चे कि मासुमियत और बिबसता देखकर वो व्यक्ति बच्चे से पूछता है तुम्हारे पास कितने पैसे है बच्चे ने आसा भरी निगाहों से कहा मेरे पास पुरे 265 रूपये है. उस व्यक्ति ने कहा 265 रूपये चमत्कार के लिए काफी है, मुझे जल्दी से अपने दीदी के पास ले चलो मै देखता हु कि क्या कर सकता हु, तुम्हारी दीदी को बचाने के लिए… उस लड़की को ब्रेन ट्यूमर था और वो व्यक्ति बहुत ही बिख्यात डॉक्टर थे. डॉक्टर उस बच्ची से मिलते है उसे तुरंत हॉस्पिटल में शिफ्ट करते है और ऑपरेशन में जुट जाते है ऑपरेशन सफल रहता है और बच्ची के जान बच जाती है. जब बच्ची के पापा पूछते है डॉक्टर से कि आपका फीस कितना हुआ तो डॉक्टर बच्ची के तरफ मुस्कुराते हुए कहता है आपके बेटे ने मेरी फीस पहले ही दे दी है. कहने को कलयुग है, लेकिन अच्छे इंसान आज भी इस दुनिया में है और चमत्कार आज भी होते है, ये सोच है हम इंसानों की, कि  एक अकेला क्या कर सकता है… पर देखो जरा उस सूरज को, वो अकेला ही तो चमकता है!  यह सच है कि अक्सर लोग पानी में डूब जाते है, लेकिन दूर खड़े होकर देखने बाले कभी तैरना भी तो नहीं सिख पाते… समुन्द्र का पानी जहाज में प्रवेश किए बिना उसको डूबा नहीं सकता, ऐसे ही निराशा भी हमारे अंदर प्रवेश हुए बिना हमें नष्ट नहीं कर सकती… बच्चे ने यदि हार मान लिया होता तो शायद उसकी बहन जिन्दा नहीं होती.   अब वक्त आ गया है, इन चीजो को सीखते/सिखाते आपसे बिदा लेने का फिर आपके लिए एक नया BLOG लेके आऊंगा तब तक के लिए नमस्कार! आपका दिन शुभ हो!

समुन्द्र एक सीख !

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आज बात करते है जिंदगी में बड़े मुकाम हासिल करने के लिए हमें समुंद्र से सीखना क्यों आवश्यक है?

एक बार कि बात है समुंद्र के किनारे एक बच्चा खेल रहा होता है और समुन्द्र अपने लहर के साथ उस बच्चे का चप्पल बहा ले जाती है इस घटना को देखकर बच्चा रेत पे लिखता है “समुन्द्र चोर है”, ठीक उसी समय थोड़ी दूर हटकर कुछ मछुआरे बहुत सारे मछली पकड़ कर समुन्द्र को धन्यवाद दे रहे होते है और रेत पे लिखते है “समुन्द्र हमारा पालनहार है”, दुर्भाग्यवश थोड़ी देर बाद एक युवक कि समुन्द्र में डूब जाने के कारण मौत हो जाती है और उसकी रोती-बिलखती माँ उसी रेत पे “समुन्द्र हत्यारा है” लिख देती है, कुछ देर बाद एक बूढी औरत समुन्द्र के किनारे मोती की तलाश में आती है और उसे मोती मिल भी जाता है और घर लौटने से पहले वह समुन्द्र कि रेत पे “समुन्द्र दानी है” लिखना नहीं भूलती है लेकिन थोड़ी देर के बाद समुन्द्र की एक बड़ी लहर आती है और सारे लिखा मिटा कर चली जाती है.

लोग जो भी कहे, विशाल समुन्द्र अपने  लहरों में मस्त रहता है. अपनी उफान और शांति वह अपने हिसाब से तय करता है अगर विशाल समुन्द्र बनना है तो किसी के निर्णय पर अपना ध्यान ना दे, जो करना है अपने हिसाब से करे, जो गुजर गया उसकी चिंता में ना रहे. हार-जीत, खोना-पाना, सुख-दुःख इन सब के लिए अपने मन को विचलित ना करे क्युकी जिन्दगी सुख-शांति से ही भरा होता तो आदमी जन्म के समय रोता ही क्यू. जन्म के समय रोना और मरकर रुलाना इसी के बीच के संघर्ष  भरे समय को जिन्दगी कहते है. अब वक्त आ गया है, इन चीजो को सीखते/सिखाते आपसे बिदा लेने का फिर आपके लिए एक नया BLOG लेके आऊंगा तब तक के लिए नमस्कार! आपका दिन शुभ हो!

नेटवर्क मार्केटिंग : REAL SALE

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आज बात करते है नेटवर्क मार्केटिंग में प्रोस्पेक्टिंग के दौरान आखिर हम सबसे पहले क्या बेच रहे होते है? कंपनी के प्रोडक्ट/प्रोफाइल को या खुद को.

मैंने कई लोगो को ऐसा कहते हुए सुना है कि लोग मुझसे इसलिये नहीं जुड़ते है क्युकी कंपनी का प्लान अच्छा नहीं है कंपनी का प्रोडक्ट अच्छा नहीं है माई डिअर फ्रेंड्स मै आपको बताना चाहूँगा जब आप कम्पनी के प्रोडक्ट/प्लान को किसी प्रोस्पेक्ट को बता रहे होते है या डिस्कस कर रहे होते है तो वहा एक्चुअल में आप कंपनी के प्लान/ प्रोडक्ट को नहीं बता रहे होते है न ही कंपनी के प्लान/प्रोडक्ट को बेच रहे होते है बल्कि वहा आप सबसे पहेल खुद को बता रहे होते है, आप खुद के स्किल को बेच रहे होते है आप खुद के बॉडी लैंग्वेज को बेच रहे होते है, आप खुद के बात करने के तरीके को बेच रहे होते है जिस कलम के जरिये आप लाखो करोड़ो के बिज़नेस को समझाने कि कोशिस कर रहे होते है वहा आप अपने कलम कि standerd को बेच रहे होते है आप अपने पह्नाबे-ओढाबे को बेच रहे होते है और यही कारण है यदि आपकी बॉडी लैंग्वेज अच्छी है यदि आपका बात करने के तरीका उम्दा है यदि आपके द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा कलम का स्टैंडर अच्छा है यदि आपका पह्नाबा-ओढ़ाबा अच्छा है तो प्रोस्पेक्ट आपके साथ साथ आपके कंपनी के प्रोफाइल/प्रोडक्ट  को  भी समझता है क्योकि प्रोस्पेक्ट सबसे पहले आपको देखता है और आपको देखने से जो छबी आपकी उसकी नजर में बनती है वह वही छवि को कंपनी के छबी से जोड़कर देखने लगता है और आप उसे कन्वर्ट कर पाते है परन्तु ये सब सही नहीं है तो प्रोस्पेक्ट आपके साथ साथ आपके कंपनी के प्रोफाइल/प्रोडक्ट  को  भी कम कर आकता है और बहा से PROSPECT को  कन्वर्ट करना बहुत मुश्किल हो जाता है इसलिये कंपनी के प्रोफाइल/प्रोडक्ट  में किसी तरह के change का पक्षधर बनने से अच्छा है अपने आप में बदलाव लाने का पक्षधर बनिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगो को कन्वर्ट कर सके ….अब वक्त आ गया है,  इन चीजो को सीखते/सिखाते आपसे बिदा लेने का फिर आपके लिए एक नया BLOG लेके आऊंगा तब तक के लिए नमस्कार! आपका दिन शुभ हो!

नेटवर्क मार्केटिंग: CLOSING TIPS

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आज बात करते है नेटवर्क मार्केटिंग में शानदार क्लोजिंग क्यों महत्वपूर्ण है ?

जितनी अच्छी आपकी क्लोजिंग होगी नेटवर्क मार्केटिंग में आप लोगो को उतने ही बेहतर तरीके से रिक्रूट कर पाएंगे या जोड़ पाएंगे . प्रोस्पेक्ट को प्लान दिखाने के बाद तीन इंच कि स्माइल के साथ एक सीधा सा सबाल पूछे सर आपको प्लान में सबसे अच्छा क्या लगा? आपके सबाल के जबाब में यदि प्रोस्पेक्ट ये कहता है कि मुझे कुछ DOUBTS है तो यह एक अच्छी निशानी है क्युकी वो आपसे वही 10-11 कॉमन QUESTIONS में से 1-2 QUESTIONS पूछने बाला है. आइये इसे एक उदाहरण के जरिये समझते है SUPPOSE उसने आपसे पूछा *भाई सोच के बताऊँगा* तो आपका जबाब बिल्कुल निचे बताये जा रहे नियमानुसार होना चाहिए. भाई आप बिलकुल सही कह रहे हो (3rd party approach का use करें) मैंने भी यही कहा था की सोच के बताऊँगा, लेकिन जिन्होंने मुझे प्लान  बताया, उन्होंने मुझसे पूछा की क्या सोचना है। मैंने कहा भाई ख़ून पसीने की कमाई लग रही है, सोचना तो बिलकुल बनता है। मेरी आत्मा को झींझोर दिया उन्होंने जब मुझे कहा, MR. A आप को जीवन में बेहतर करना है, और एक सच्चाई यह भी है आपके नौकरी के 10 साल हो गए लेकिन अभी भी ना Time  कि फ्रीडम है ओं ना ही भुत सारा पैसा है, माता पिता से दूर रह रहे हो, उन्होंने आपको पढ़ा लिखाकर इस क़ाबिल बना दिया, ऋण चुकाना नामुमकिन है, पर आपने क्या किया उनके लिए आज तक। आप कोशिश करते हो कि अपनी बीवी और बच्चे को हर ख़ुशी दू, पर जो वो चाहते हैं वो दे पाते हो क्या या बोल देते हो हम नहीं दे सकते, या उन्हें भी चुप करा दिया आपने ये कहते हुए कि चाहना और सपने देखना बंद कर दो क्युकी हम middle class लोग हैं। शायद बात कड़वी लगे MR. A पर मैं आपका हितैषी हूँ इसलिए Decision लेने में help कर रहा हूँ आपकी। सोचो sir, सोचना ज़रूरी है। जो जीवन आप जी रहे हो क्या वही जीवन आपकी आने वाली generations जियेंगी। सोचना ज़रूरी है sir, अगर आज कुछ OPTION B के रूप में नहीं करते है , तो क्या वक़्त दोबारा मौक़ा देगा आपको। सोचो sir कि अगर आप इस मौक़े को सोचने के बाद miss करते हो तो ज़िंदगी कैसी होगी। आपकी ज़िन्दगी पर कोई असर नहीं पड़ेगा और आपके माता पिता और बीवी बच्चे की ज़िन्दगी भी वैसे ही रहेगी, बस वो जिन्दगी में खुद को समय के अनुरूप Upgrade नहीं कर पाएंगे. लेकिन जिसने इस मौक़े को लिया है और थोड़ा सा काम किया है, वो आज एक बेहतरीन जीवन जी रहा है और उसका आने वाला कल आज से बेहतर ओर सुनहेरा है। सर आप 5-6 हज़ार (PRODUCT PRICE) रूपये बचाकर ना तो कही उन पैसे से कही जमीन खरीद सकते है ना ही बच्चे को अच्छी शिक्षा दे सकते है ना ही भाई – बहन कि शादी कर सकते है ना ही इन पैसे को बैंक में जमा कराकर कोई मोटी राशी में इसे बदल सकते है लेकिन इन पैसे को आपने इस बिज़नेस में लगा दिया तो ये सारी बाते सच हो जाएँगी और ऐसा संभब है मात्र 2-3 साल काम करने पे ही निर्णय आपका है इसलिये आप निर्णय ले क्युकी सोचने मात्र से ना वक़्त बदलने वाला है ना जीवन। वो तो बिज़नेस में आकर ही या बिज़नेस  करके ही बदलेगा। एक सुनहरा भविष्य आपका बेसब्री से इन्तज़ार कर रहा है। Payment करते हैं और आगे बढ़ते हैं इस तरह से आप प्रोस्पेक्ट को कन्विंस कर सकते है. अब वक्त आ गया है,  इन चीजो को सीखते/सिखाते आपसे बिदा लेने का फिर आपके लिए एक नया BLOG लेके आऊंगा तब तक के लिए नमस्कार! आपका दिन शुभ हो!

नेटवर्क मार्केटिंग: OBJECTIONS

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आज बात करते है नेटवर्क मार्केटिंग में पूछे गये मुख्य ऑब्जेक्शन के बारे में

  1. मेरे दो नहीं जुड़े तो.
  2. मै कैसे लोगो को कन्विंस कर सकता हु .
  3. मेरे पास समय नहीं है.
  4. मेरे पास पैसा नहीं है.
  5. मै सोच के बताऊंगा .
  6. मै पापा, मम्मी, दोस्त, पत्नी से पूछ कर बताउंगा .
  7. कंपनी इतना सारा पैसा कैसे देती है लोगो को .
  8. इतना सस्ता/महंगा पैकेज कैसे.
  9. जो लोग सुरु में जुड़ गये है केबल वही लोग पैसा कमाते है .
  10.  मेरे ना तो दोस्त है ना ही सर्किल.
  11. कंपनी भाग गयी तो.
  12. MLM इल्लीगल काम है .

इस तरह के सबालो का सटीक जबाब जानने के लिए हमारे वेबसाइट www.bipuladitya.com पे विजिट करे या कमेंट बॉक्स में कमेंट करे. अब वक्त आ गया है,  इन चीजो को सीखते/सिखाते आपसे बिदा लेने का फिर आपके लिए एक नया BLOG लेके आऊंगा तब तक के लिए नमस्कार! आपका दिन शुभ हो!

नेटवर्क मार्केटिंग: INVITATION

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आज बात करते है नेटवर्क मार्केटिंग में लोगो को INVITE करते समय किन चीजो का विशेष ध्यान देना चाहिए.

  1. Never invite your guest in requesting mode.
  2. Never invite your guest in a hurry, tell him it will take one and half hour.
  3. Try to meet him in his home/office before showing the plan, so that you can do follow up easily.
  4. Do proper edification of up-line/ Person who has to show plan.
  5. Never invite your guest without knowing /creating his need.
  6. Be excited and confident while calling/inviting.
  7. Never invite your guest on calling day take at least 1-2 days after making call.
DO DON’T
1. I am doing 21st century business. 1. I joined a business
2. Invite for function 2. Invite for seminar
3. One has to sell/refer package. 3. Never tell, One has to make a chain.

अब वक्त आ गया है,  इन चीजो को सीखते/सिखाते आपसे बिदा लेने का फिर आपके लिए एक नया BLOG लेके आऊंगा तब तक के लिए नमस्कार! आपका दिन शुभ हो!

नेटवर्क मार्केटिंग: INDUCTION

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आज बात करते है नेटवर्क मार्केटिंग में लोगो को रिक्रूटमेंट करने के बाद 15 दिनों के अंदर उन्हें क्या-क्या बाते बता देनी चाहिए ?

  1. About company profile and its vision.
  2. Any doubts regarding company plan.
  3. Direct reference ?
  4. Bonus criteria
  5. How to make a list of different types of people (hot/ warm/cold)
  6. Prospecting
  7. Calling and inviting
  8. Edification
  9. Closing and following up.
  10. Importance of association ,training ,seminar and RTP, BTP
  11. How to do prospecting with the help of social sites. i.e Whatsapp, FB, Instagrame, Youtube etc
  12. Weekly seminar importance
  13. Suggest some books regarding Network Marketing i.e Copy cat,Question are the answers, Business School etc
  14. Investment for skill and personality development.
  15. Way of calling for prospecting.
  16. Do and don’t while calling
  17. Needs of prospect
  18. PASE meeting and its benefits
  19. How to generate curiosity
  20. Suggest/give audio/video/books

अब वक्त आ गया है,  इन चीजो को सीखते/सिखाते आपसे बिदा लेने का फिर आपके लिए एक नया BLOG लेके आऊंगा तब तक के लिए नमस्कार! आपका दिन शुभ हो!

नेटवर्क मार्केटिंग: LISTING

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आज बात करते है नेटवर्क मार्केटिंग में लोगो कि लिस्ट कैसे बनाये और इसे समझने के लिए अंग्रेजी के एक शब्द का सहारा लेते है और वो शब्द है “FRIENDS”.
FRIENDS में कुल 7 लेटर है F, R, I, E, N, D, & S और ये हर लेटर आपको लोगो कि लिस्ट बनाने में मदद करेगी और ये कैसे संभव हो पता है आइये इसे समझने कि कोशिस करते है

  • Friends: Explore your Phone Book, Mobile, Address Book, Outlook Contacts, people you meet in classes. Consider if anyone fit or could lead you to someone who fits your target? If so, add their name to your list.
  •  Records: We all keep records: customer files, business cards, files from previous employment, these records are useful. Go through them, check if anyone fit your target or could lead to someone who could, add their name to your list.
  • Industry: Consider industries you’ve done business with them, or your very best customer, this will give you a clear definition of your target. Consider companies within your geographic constraints, similar to those or who you already have a proven track record with. Consider industries you would like to do business with and those company’s name, and names of individuals within those companies, add to your list.
  •  E-marketing: Use the web to create leads for your business? Look at the basics things to create new opportunities:

•Facebook profile – look at your Facebook friends?

•LinkedIn connections – could any of these be people you could do business with?

•Twitter followers – It might some of these people be able to do business with you?

• subscribers of YouTube channel – could anyone be potential customers?

Website –It is yours generating leads and enquiries for your business? Is it adding names to your list? Ensure your website is performing as the second best sales person in your business, providing you with names and phone numbers of potential customers. Consider website users as window shoppers with a genuine interest in your product or service, but who have not picked up the phone or made an enquiry. A strong ‘call to action’ is needed to create an exchange of email addresses for something of value.

  •  Networking: Network with a purpose – Attend formal events and meet similar groups so you can introduce yourself and your business. Network in rooms full of strangers, who you could potentially do business with.
  •  Directory: There are groups of potential customers for us to tap into, such as Chamber of Commerce, business organizations or regular networking events. Identify a particular sector then find a club or association where those people gather. A simple Google search could lead you to an ideal membership directory to get access to those people. Make contact with the association and see if it would benefit you to join.
  •  Same name: It’s funny how the brain works, it needs a system to recall information; so give it a process to find useful information. For example Richard Elwell is this month’s guest interview, ask yourself who else do you know called Richard who you could do business with. Then ask yourself about Elwell. Skim your list and in doing this exercise you’re likely to add another 10, 15, 20% of names to the list. Use that system regularly and you’ll soon have a stream of quality prospects that fit your target , who you can pick up the phone to, email and arrange meetings or start making contact with them, find out if you can do business together.

अब वक्त आ गया है,  इन चीजो को सीखते/सिखाते आपसे बिदा लेने का फिर आपके लिए एक नया BLOG लेके आऊंगा तब तक के लिए नमस्कार! आपका दिन शुभ हो!

जिन्दगी में आप जब-जब अनैतिक होंगे तब-तब उसके परिणाम आपको प्रभाबित करेगा

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आज बात करते है, जिन्दगी में आप जब-जब अनैतिक होंगे तब-तब उसके परिणाम आपको किस-किस तरह से प्रभाबित करेगा और इसे समझने/ समझाने के लिए ले चलता हु आपको एक छोटी सी कहानी कि तरफ जहाँ  एक बार कुछ यु हुआ एक पथिक रास्ते से जा रहा था तो आँख ने पेड़ पर लगी आम के फल को देखा और आँख ने जब फल को देखा तो उसे तोड़ने के लिए पैर आगे बढ़ा पर उसे तोड़ा हाँथ ने और जब हाँथ ने तोड़ा तो उसे खाया मुह ने जड़ा सोचिये जिसने देखा उसने तोडा नहीं जिसने तोड़ा उसने खाया नहीं जिसने खाया उसने रखा नहीं क्युकी खाने के बाद फल पेट में चला गया और माली ने जब देखा पथिक ने उसके बगीचे से फल को तोडा है तो एक डंडा पथिक के पीठ पे दे मारा और पीठ बेचारी ये कहते हुए कडाह उठी हाय मेरा क्या कसूर था मैंने न तो फल तोडा न ही फल खाया लेकिन ध्यान देने बाली बात है जब चोट पीठ को लगी तो आंसू आँख से ही निकले क्युकी देखा आँख ने ही था. माई डिअर फ्रेंड्स मै आपको एक बात बताना चाहूँगा जिन्दगी के किसी भी मोड़ पर अनैतिक मत होना चाहे आप कितनी ही बड़ी मुसीबत में क्यों न हो बरना परिणाम हमेशा आपको ही तकलीफ पहुचायेगी. मुझे एक घटना और याद आ रही है और वो ये कि एक दुकान के मालिक ने एक बार गुस्से में अपने मेनेजर को एक चाटा मार दिया अब मेनेजर बेचारा उसके यहाँ नौकरी करता था इसलिये चाटा खाकर भी चुप रहना मुनासिब समझा पर उस गुस्से के कारण उसका झगडा उसके बीबी से घर पहुचते ही हो गया नतीजतन मेनेजर ने अपनी पत्नी को एक चाटा रसीद कर दिया अब बेचारी पत्नी तो पत्नी ठहरी पति को तो मार नहीं सकती थी लेकिन कही न कही गुस्सा तो निकालना था इसलिये पत्नी ने गुस्से में एक चाटा अपने बड़े बेटे को दे मारी परिणामस्वरूप बड़े बेटे ने गुस्से में आकर अपने छोटे भाई को एक चाटा लगा दिया अब देखने बलि बात है मालिक ने मैनेजर को, मेनेजर ने पत्नी को, पत्नी ने बड़े बेटे को, बड़े बेटे ने छोटे भाई को, पर छोटा भाई किसको मारे उसके पास गुस्सा निकालने के लिए घर में कोई था ही नहीं तो उसने एक पत्थर सड़क के किनारे सो रहे एक कुत्ते को दे मारा और कुत्ता गुस्से में आकर एक आदमी को काट लिया और लोग कहते है वो आदमी कोई और नहीं बल्कि मेनेजर का मालिक ही था माई डिअर फ्रेंड्स मै आपको एक बार फिर से बताना चाहूँगा जिन्दगी के किसी भी मोड़ पर अनैतिक मत होना बरना परिणाम हमेशा आपको ही तकलीफ में डालेगी अब वक्त आ गया है,  इन चीजो को सीखते/सिखाते आपसे बिदा लेने का फिर आपके लिए एक नया BLOG लेके आऊंगा तब तक के लिए नमस्कार! आपका दिन शुभ हो!

ज़िंदगी के किसी भी क्षेत्र में सफल होने कि प्रथम और अनिवार्य शर्त क्या है.

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आज बात करते है जिन्दगी में सफल होने की प्रथम और अनिवार्य शर्त क्या है या एक ऐसी चीज जिसे आत्मसात करने पे या सिखने पे जिन्दगी के सारे आयाम हासिल किये जा सकते है तो निःसंदेह इस कड़ी में चर्चा भगवान शिव का लाजमी हो जाता हैं तो आइये इसे भगवान शिव के जरिये आपको समझाने कि कोशिस करता हूँ आपने भगवान शिव कि प्रतिमा को कई बार देखा होगा पर आज शिव के प्रतिमा या चरित्र को मेरे दृष्टिकोण से देखने या समझने कि कोशिश कीजिये करण मैं इसका जिक्र जरा दुसरे तरीके से करना चाहता हु ताकि मैं आपको कुछ सफल जिन्दगी के राज के बारे में बता सकु जब हम भगवान शिव कि प्रतिमा का अबलोकन करते है तो हमारी नजर सबसे पहले भगवान शिव के जटा पे आसीन गंगा पे जाती है और ठीक जटा से थोरी निचे कि ओर देखे तो मस्तिस्क को पाते है जिस पर भगवन शिव की तीसरी आँख है जिसके खुलने मात्र से ज्बाला निकलती हैं यानी आग और ये सर्विदित है कि पानी और आग आपस में एक दुसरे के बिरोधी है एक दुसरे को काटने बाली प्रबृति है इनकी, पर शिव ने दोनों को धारण कर रखा है यदि हम पुनः जटा कि तरफ देखे तो वहा चाँद स्थित है और चाँद को अमृत कहा गया है और पुनः जटा से थोरा निचे आके गले को देखते हैं तो भगवान शिव के गले में विश है विश यानी जहर यहाँ फिर अमृत और बिश दोनों आपस में एक दुसरे को काटने बाले प्रबृति के है एक दुसरे के बिरोधी है पर शिव ने दोनों को धारण कर रखा है जब हम दूसरी बार गले की तरफ देखते हैं तो भगवन शिव के गले में साँप है और आप सबो को पता है उनके छोटे पुत्र श्री गणेश उनके पास ही रहते है जिनकी सवारी चूहा है आपने कही साँप और चूहा एक साथ नही देखे होगे पर शिव के साथ ये दोनों मस्त है आपस में किसी को किसी का डर या भय नहीं है और तो और शिव के बड़े पुत्र कार्तिक है वो भी उनके साथ ही रहते है और उनकी सवारी मोर है यहाँ फिर से गौर करने बाली बात है साँप और मोर भी एक दुसरे के बिरोधी है पर शिव के कारण दोनों साथ – साथ रहते है आपको पता ही होगा शिव कि सवारी नंदी हैं और माता पार्वती कि सवारी शेर, दुनिया में कही नंदी और शेर एक साथ आपको देखने को नहीं मिलेंगे क्योकि ये दोनों एक दुसरे को काटने बाली प्रजाति हैं दो विपरीत स्वभाव के है एक शाकाहारी तो दूसरा मांसहारी. भगवान शिव लगाते है भुभुत और उनके आस-पास रहता है भुत जो कि एक बार फिर से स्वभाववश एक दुसरे को काटने बाली रचना है यहाँ सोचने बाली बात यह है कि आग और पानी साथ साथ, जहर और अमृत साथ साथ, साँप और चूहा साथ साथ, साँप और मोर साथ साथ, शेर और नंदी साथ साथ, भुत और भभुत साथ साथ, जबकि ये आपस में एक दुसरे के बिरोधी है एक दुसरे को मार काटने बाले है लेकिन भगवान शिव इन सभी को धारण किये हुए और तनिक भी टेंशन में नही दीखते है यहाँ मैं जो कहना चाह रहा था वो ये कि जिन्दगी में आप चाहे अपना भविष्य किसि भी छेत्र में बनाये लेकिन जब तक आप दो विपरीत बिचारधारा बाले लोगो को दो विपरीत प्रबृति के समूहों को एक साथ लेके नहीं चलेंगे या लेके चलने नहीं आयेगा आप एक बड़ी सफलता हासिल नहीं कर पायेंगे जिन्दगी में सफल होने की प्रथम और अनिवार्य शर्त शायद यही है मुझे आसा ही नहीं पूर्ण बिश्वास है भगवान शिव से कुछ न कुछ आप हासिल करेंगे कुछ न कुछ आप सीखेंगे वक्त आ गया है इन चीजो को सीखते/सिखाते आपसे बिदा लेने का फिर आपके लिए एक नया BLOG लेके आऊंगा तब तक के लिए नमस्कार आपका दिन शुभ हो!